जब मेरी शुरू हुई कविता, तब दस्तक दी थी दिल में! जब मेरी शुरू हुई कविता, तब दस्तक दी थी दिल में!
मैं घर जाकर आता हूँ , माँ को ख़बर किये देता हूँ छाता भी ले आता हूँ !! मैं घर जाकर आता हूँ , माँ को ख़बर किये देता हूँ छाता भी ले आता हूँ !!
अपनी पृथ्वी माँ को दिलों जान से। अपनी पृथ्वी माँ को दिलों जान से।
ज़मीं...। ज़मीं...।
भीग गई वसुधा...। भीग गई वसुधा...।
सूरज की आहत किरणों से दी है तुमने राहत मुझे ! सूरज की आहत किरणों से दी है तुमने राहत मुझे !